आप भी कराएं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अपनी फसल का इंश्योरेंस, पढ़िए इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी

By Career Keeda | Sep 19, 2020

पुराने जमाने से और अभी तक भारत के बारे में यह कहा जाता है और यह बात सत्य है की भारत एक कृषि प्रधान देश है अर्थात यह किसानों का देश हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की आधी से ज्यादा आबादी कृषि क्षेत्र पर निर्भर रहती है, उन्हीं से उनका गुजारा होता है। किसान बड़ी मेहनत से, बैंक से हजारों लाखों रुपए का लोन लेकर, अपने खून पसीने से अपनी फसल कि सिंचाई करता है, अन्ना बोता है पर कभी-कभी किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा, बारिश, भूकंप, अकाल पड़ जाना और भी कई कारणों की वजह से उसकी पूरी फसल नष्ट हो जाती हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है जिसके बोझ तले किसान दब जाता है और आत्महत्या जैसा कदम उठाता है। किसानों की फसल को इन्ही आपदाओं से बचाने के लिए, उनकी नष्ट हुई फसल का भुगतान करने के लिए, उनके ऊपर से लोन का बोझ कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सारी योजनाएं चलाई हैं उन्हीं में से एक है प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) जिसके तहत सरकार किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल नष्ट हो जाने पर आपको उसका बीमा सीधे आपके खाते में देती है।

क्या है PMFBY? 

नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का फैसला किया है और इसी कड़ी में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नें 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत करी। इस योजना के तहत उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में सहायता मिलेगी जो अपनी फसल के लिए भारी लोन लेते हैं और खराब मौसम के चलते हैं उसकी रक्षा भी नहीं कर पाते। यह योजना हर एक राज्य में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागू करेंगी। यह योजना कृषि एवं किसान मंत्रालय के अंतर्गत आती है जिसका संचालन भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है।इस योजना के तहत किसानों को खरीफ फसल के लिए 2% का प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5%  के प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, वाणिज्य और बागवानी फसलों के लिए किसानों को थोड़ा ज्यादा अर्थात 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।

PMFBY का उद्देश्य:

1.प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों के परिणामस्वरूप किसी भी अधिसूचित फसल की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना।

2.खेती में अपनी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना।

3.किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।

4.कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना।

PMFBY के प्रमुख आकर्षण

1. जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया खरीफ फसलों के लिए 2% , राबी फसलों के लिए 1.5% और वाणिज्य और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम का भुगतान करना होगा। किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दरें बहुत कम हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान के खिलाफ किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान करने के लिए शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

2.सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। अगर बैलेंस प्रीमियम 90% है, तो भी यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

3.इससे पहले, प्रीमियम दर को कम करने का प्रावधान था जिसके परिणामस्वरूप किसानों को कम प्रीमियम का भुगतान किया गया था। यह कैपिंग सरकारी सब्सिडी को प्रीमियम सब्सिडी पर सीमित करने के लिए किया गया था। यह कैपिंग अब हटा दी गई है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमा राशि दी जाएगी।

4.प्रौद्योगिकी के उपयोग को काफी हद तक प्रोत्साहित किया जाएगा। किसानों को दावा भुगतान में देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को पकड़ने और अपलोड करने के लिए स्मार्ट फोन का उपयोग किया जाएगा। रिमोट सेंसिंग का उपयोग फसल काटने के प्रयोगों की संख्या को कम करने के लिए किया जाएगा।

5.PMFBY NAIS / MNAIS की एक प्रतिस्थापन योजना है, योजना के कार्यान्वयन में शामिल सभी सेवाओं की सेवा कर देयता से छूट होगी। यह अनुमान है कि इस योजना में प्रीमियम में किसानों के लिए लगभग 75-80 प्रतिशत अनुदान सुनिश्चित करेगी। 

PMFBY के लिए पात्रता:

मौसम के दौरान एक अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी किसान PMFBY के लिए पात्र हैं।

a) - कंपल्सरी कंपोनेंट: इस योजना में अधिसूचित फसल के लिए वित्तीय संस्थानों (अर्थात ऋण लेने वाले किसानों) से मौसमी कृषि संचालन (SAO) ऋण प्राप्त करने वाले सभी किसानों को अनिवार्य रूप से कवर किया जाएगा।

b)- वॉलंटरी कंपोनेंट: यह योजना गैर-कर्जदार किसानों के लिए वैकल्पिक होगी।

PMFBY के अंतर्गत आने वाली आपदाएं या जोखिम

निम्नलिखित फसल हानि के जोखिमों को योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।

1.रोका बुवाई / रोपण जोखिम:
बीमित क्षेत्र को बुवाई / रोपण से घाटे की वर्षा या प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण रोका जाता है।

2.स्थायी फसल (कटाई के लिए बुवाई):
व्यापक जोखिम बीमा गैर-रोकथाम योग्य जोखिमों के कारण उपज हानि को कवर करने के लिए प्रदान किया जाता है। अर्थात- सूखा, सूखा मंत्र, बाढ़, कीट और रोग, भूस्खलन, प्राकृतिक अग्नि और प्रकाश, तूफान, चक्रवात, टेंपेस्ट, साइक्लोन और थंडर स्टॉर्म। 

3.हार्वेस्ट के बाद के नुकसान:
चक्रवात और चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश के खिलाफ फसल की कटाई के बाद खेत में उन फसलों को काटने और फैलने की स्थिति में सूखने और फैलने की अनुमति देने के लिए कवरेज केवल दो सप्ताह की अधिकतम अवधि तक उपलब्ध है।

4.स्थानीयकृत आपदाएँ:
ओलावृष्टि, भूस्खलन और अधिसूचित क्षेत्र में पृथक खेतों को प्रभावित करने वाले बाढ़ के स्थानीय जोखिमों की घटना से होने वाली हानि / क्षति।

5.PMFBY के अंतर्गत युद्ध और परमाणु जोखिम, दुर्भावनापूर्ण क्षति और अन्य निवारक जोखिमों से उत्पन्न होने वाले नुकसानों को बाहर रखा जाएगा।

PMFBY के लिए वेब पोर्टल और ऐप

भारत सरकार ने हाल ही में इस योजना के अंतर्गत काम करने वाली विभिन्न एजेंसियों के बीच अच्छा तालमेल, बेहतर प्रशासन, समन्वय, PMFBY से संबंधित अधिक जानकारी, योजना के प्रचार-प्रसार और विस्तार के लिए एक बीमा पोर्टल शुरू किया है।PMFBY के लिए एंड्रॉयड आधारित एक "फसल बीमा ऐप" भी शुरू किया गया है जो फसल बीमा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड परिवार कल्याण) की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।एंड्रॉयड यूजर्स इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

कैसे कराएं बीमा? 

PMFBY के अंतर्गत अपनी फसल का इंश्योरेंस कराने के लिए आपके पास दोनों ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प मौजूद हैं।

ऑनलाइन- ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाकर फॉर्म भरके अप्लाई करना होगा। 
ऑफलाइन- यदि आप ऑफलाइन माध्यम से बीमा कराना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपनी किसी भी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर फसल बीमा योजना का फॉर्म भर के जमा करना होगा। 

आवश्यक दस्तावेज:

1.किसान आईडी कार्ड 
2.आधार कार्ड 
3.राशन कार्ड 
4.बैंक अकाउंट 
5.ऐड्रेस प्रूफ 
6.यदि किसी दूसरे की जमीन पर या किराए की जमीन पर खेती कर रहे हैं तो करार की फोटोकॉपी
7.ID प्रूफ 
8.खेत का खसरा खतौनी नंबर 
9.एप्लीकेंट की फोटो

PMFBY की कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

1.PMFBY के लिए आपको फसल की बुवाई के 10 दिन के भीतर ही ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से फॉर्म भरकर जमा करना होगा

2.फसल काटने से 14 दिन के बीच किसी भी प्राकृतिक आपदा या और किसी कारण से आपकी फसल नष्ट हो जाती है तब भी आप PMFBY का लाभ उठा सकते है।

3.फसल का नुकसान होने पर बीमा की राशि सीधे किसान के बैंक अकाउंट में डाल दी जाएगी। 

4.PMFBYके अंतर्गत आपको बीमा राशि तभी दी जाएगी अगर आपकी फसल किसी भी प्राकृतिक आपदा के चलते नष्ट हुई है और यदि इसके इतर फसल नष्ट होने का कोई भी दूसरा कारण होता है जैसे कि मानव कार्यों की वजह से तो उस उस मामले में बीमा नहीं मिलेगा। 

5.इस योजना को 'एरिया एप्रोच आधार' पर लागू किया जाएगा। 

हेल्पलाइन नंबर:

वर्तमान में जिस तरह से देश के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं, ना जाने कितने किसानों की फसलें बाढ़ अपने साथ बहा ले गई या पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है तो PMFBY का लाभ उठाने के लिए आपको 72 घंटे के भीतर स्थानीय कृषि कार्यालय किसान हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करानी होगी। अन्य जानकारी के लिए आप 18001801551, 01123382012, 01123381092 नंबर पर भी संपर्क कर सकते है।

PMFBY के अंतर्गत कैसे करें क्लेम:

फसल के नष्ट होने पर या नुकसान हो जाने पर किसान को 72 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी, बैंक या किसी भी सरकारी अधिकारी जो इस विभाग की देखरेख करता हो या हेल्पलाइन नंबर पर सूचित करना होगा। अगले 72 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी आप की फसल के नुकसान के आकलन के लिए एक निर्धारणकरता नियुक्त करेगी और इस पूरी प्रक्रिया को पूरा होने के 15 दिन के भीतर इंश्योरेंस की पूरी राशि आपके खाते में डाल दी जाएगी।