सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2025 से बीटेक पाठ्यक्रम में देश का पहला 'क्वांटम प्रौद्योगिकी' माइनर प्रोग्राम जुड़ने जा रहा है। क्वांटम प्रौद्योगिकी में पहला यूजी माइनर प्रोग्राम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने मिलकर बनाया है। इस प्रोग्राम को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य भारत से सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पेशेवर तैयार करके दुनिया भर में देना है।
यूजी माइनर प्रोग्राम देश का पहला प्रोग्राम है। यह यूजी माइनर प्रोग्राम क्वांटम प्रौद्योगिकी कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन और सेंसिंग को पुनः परिभाषित करेगी। इसका मकसद क्वांटम क्रांति के लिए भारत में कार्यबल को तैयार करना है। इससे देश को अत्याधुनिक क्वांटम नवाचार में ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। इस कोर्स की पढ़ाई में IIT एक्सपर्ट स्टूडेंट्स की मदद करेंगे। इस प्रोग्राम में चार वर्टिकल क्वांटम कम्प्यूटेशन एंड सिमुलेशन, क्वांटम सेंसिंग एंड क्वांटम मैटिरियल्स, क्वांटम कम्युनिकेशन एंड क्रिप्टोग्राफी डिवाइसेस शामिल हैं। इसको जल्द ही स्नातकोत्तर से से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है।
ऐसे तैयार किया गया पाठ्यक्रम
बता दें कि इस पाठ्यक्रम को इंडस्ट्री समेत देशी और विदेशी सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर कंपनियों द्वारा मिलकर तैयार किया गया है। इसमें आईबीएम, टीसीएम और अमेजॉन समेत कई अन्य बड़ी कंपनियों के नाम शामिल है। स्नातक छात्र जब 'क्वांटम प्रौद्योगिकी' में माइनर प्रोग्राम की पढ़ाई करेंगे, तो कंपनी कैंपस प्लेसमेंट से लेकर छात्रों का चयन इंटर्नशिप में भी होगा और नौकरी भी दी जाएंगी। इससे छात्रों को व्यावहारिक अनुप्रोयग और हैंड्स ऑन अनुभव मिलेगा।
नवाचार में मिलेगी मदद
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक क्वांटम प्रौद्योगिकी में यह भारत का पहला यूजी कार्यक्रम है। कुशल प्रतिभाएं तैयार करने के लिए यह पहल करेगी। इससे स्टार्टअप के साथ सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। जिससे स्टूडेंट्स की वास्तविक दुनिया का एक्सपीरियंस और क्वांटम प्रौद्योगिकी में नवाचार करने में सहायता मिलेगी। इस पाठ्यक्रम को व्यापक तरीके से डिजाइन किया गया है।