उत्तर प्रदेश के एडेड इंटर कॉलेजों में आउटसोर्सिंग पर भर्ती होने वाले 4th कैटेगिरी के कर्मचारियों की क्वालिफिकेशन अब 12वीं की बजाय 10वीं होगी। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी द्वारा यह जानकारी विधान परिषद में दी। बता दें कि निर्दल समूह के राज बहादुर सिंह चंदेल ने विधान परिषद में कार्य स्थगन के तहत शून्य काल में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में शैक्षिक अर्हता का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने बताया कि सफाई कर्मियों की सरकारी नौकरी के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं कर दी गई है, जोकि उचित नहीं है। वहीं शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी राज बहादुर सिंह चंदेल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों का प्रमोशन नहीं होना है, ऐसे में शैक्षणिक योग्यता का कोई मतलब नहीं है। जिस पर गुलाब देवी ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की शैक्षिक अर्हता में बदलाव कर इसको 12वीं से हाईस्कूल किया जाएगा।
वहीं गुलाब देवी के इस आश्वासन के बाद भी निर्दल समूह और शिक्षक दल संतुष्ट नहीं हुए। क्योंकि उनका कहना है कि सफाई कर्मचारियों के लिए शैक्षिक अर्हता की जरूरत नहीं है। ऐसे में भ्रष्टचार बढ़ेगा और सफाईकर्मियों का भी शोषण होगा। वहीं स्थानीय लोगों को ही रखे जाने का भी प्रावधान नहीं है। कई बार अनुरोध करने के बाद माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी ने कहा कि आज के समय में शैक्षिक अर्हता हाईस्कूल तो जरूरी है। क्योंकि पहले लोग पढ़े-लिखे नहीं थे, जिसकी वजह से शैक्षिक अर्हता का प्रावधान नहीं किया गया था। लेकिन अब अधिकतर लोग इतना तो पढ़ते ही हैं।
पुरानी पेंशन का मुद्दा उठा
बता दें विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने शिक्षकों को पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि साल 1999-2000 में संविदा के आधार पर जिन लोगों की नियुक्ति हुई, वह विषय विशेषज्ञ समायोजन की प्रक्रिया के तहत साल 2006 में शिक्षक बन गए। इस आधार पर साल 2005 से पहले नियुक्त शिक्षकों की तरह इन्हें भी पुरानी पेंशन की सुविधा दी जाए। जिस पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि इनकी नियुक्ति बतौर संविदा शिक्षक हुई थी।
साथ ही इनके समयोजन पर भी यह शर्त थी कि संविदा काल का वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए उन्हें सेवानिवृत्त का लाभ नहीं दिया जा सकता है। जिसकी वजह से यह मांग स्वीकार करने के योग्य नहीं है। हालांकि बाद में अधिकतर शिक्षक सदस्यों ने विषय विशेषज्ञों को पुरानी पेंशन की मांग उठाई। फिर सभापति ने सदन की इच्छा को ध्यान में रखते हुए सहानुभूतिपूर्वक सरकार से विचार करने का आग्रह किया है।