वेडिंग यानी की इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादियों से जुड़ा कारोबार अब देश की चौथी सबसे बड़े इंडस्ट्री बन गई है। बीते साल इस इंडस्ट्री ने काफी तेजी से ग्रोथ किया। यह इंडस्ट्री 26.4% से बढ़कर 4.74 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इंडस्ट्री के इतनी तेजी से ग्रोथ का कारण तेज शहरीकरण के बीच मध्यम वर्ग की आय बढ़ना बताया जा रहा है।
वेडिंग इंडस्ट्री रिपोर्ट 2023-24 के मुताबिक भारत की वेडिंग इंडस्ट्री सालाना 7-8% ग्रोथ के साथ ही वित्त वर्ष 2023-24 में यह ग्रोथ 6.25 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। बता दें कि 16 जनवरी यानी कि मकर संक्रांति के बाद शादियों का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में मार्च तक शादी के 30 मुहूर्त है। इस दौरान लाखों शादियां होनी हैं। जिसको लेकर वेडिंग इंडस्ट्री ने पहले से पूरी तैयारी कर ली है। वहीं बीते कुछ सालों में भारतीय वेडिंग इंडस्ट्री में तेजी से ग्रोथ देखी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय कंज्यूमर की परचेजिंग पावर बढ़ रही है। ऐसे में डेस्टिनेशन वेडिंग की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ी है। जिससे वेडिंग प्रोफेशनल्स ने पूरे साल बिजनेस में 15-22% की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। आपको बता दें कि साल 2022 में कुल वेडिंग में डेस्टिनेशन वेडिंग की हिस्सेदारी 18 फीसदी थी, जोकि साल 2023 में बढ़कर 21 फीसदी हो गई। वहीं इस साल बड़े पैमाने पर होटलों ने बिग फैट वेडिंग की पूरी तैयारी की है। इसके साथ ही इस इंडस्ट्री में लगातार काम किया जा रहा है। कहीं पर 'डेडिकेटेड वेडिंग कॉन्सेप्ट' बन रहा है, तो कहीं शाजियों के अनुभव को जानने के लिए सेलिब्रिटी शेफ जोड़ा है।
वेडिंग ट्रेंड 2023
एक शादी में 4 से अधिक फंक्शन हुए, जबकि साल 2022 में एक शादी में 3 फंक्शन हुए थे।
साल 2023 में औसत मेहमानों की संख्या 310 थी। यह संख्या 2022 से करीब 15% ज्यादा है।
वहीं 52% शादी-समाराहो इको-फ्रेंडली तरीके से निपटाए गए।
वेडिंग ट्रेंड 2024
घरेलू वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर लोगों की पहली पसंद ऋषिकेश बनकर उभर रहा है।
इसके साथ ही 32% लोग अब ई-इनवाइट को प्राथमिकता दे रहे हैं।
अब शादियों को सेलिब्रेशन से अधिक मूल्यों से जोड़ने की पहल हो रही है।