अब कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी मिलेगा ग्रैच्युटी का फायदा, जानिए क्या है नया श्रम कानून

By Career Keeda | Dec 15, 2020

कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए श्रम कानून में कई बड़े बदलाव किए हैं। इसमें श्रम कानून से जुड़े तीन अहम बिल राज्यसभा में पास किए गए हैं। इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल और सोशल सिक्योरिटी बिल 2020 शामिल हैं। नए श्रम कानून से देश के संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कई प्रकार की नई सुविधाएं मिलेंगी। आइए जानते हैं क्या है नया श्रम कानून में तहत किए गए बदलाव -  

कर्मचारियों की छंटनी से पहले नहीं लेनी होगी सरकार से मंजूरी 
इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल के तहत 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी या यूनिट बंद करने से पहले सरकार से मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। अब तक ये प्रावधान सिर्फ उन्हीं कंपनियों के लिए था जिसमें 100 से कम कर्मचारी हों। इसका मतलब यह है कि जिन कंपनियों में 300 तक कर्मचारी हैं, उन्‍हें स्‍टाफ की नियुक्ति या छंटनी के लिए सरकार से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। आपको बता दें कि छंटनी या शटडाउन की मंजूरी उन्हीं संस्थानों को दी जाएगी जिनके कर्मचारियों की संख्या पिछले 1 साल में हर रोज औसतन 300 से कम ही रही हो। इस न्यूनतम संख्या को सरकार कभी भी बढ़ा भी सकती है। वहीं, बिल के मुताबिक किसी भी संगठन में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी बिना 60 दिन पहले नोटिस दिए हड़ताल पर नहीं जा सकता। फिलहाल यह अवधि छह हफ्ते की है।

अधिकतर लोगों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नौकरी 
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल 2020 के तहत कंपनियों को यह छूट मिली कि वे अधिकतर लोगों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नौकरी दे सकें। कॉन्ट्रैक्ट को बढ़ाने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। इसके साथ ही अब किसी भी मौजूदा कर्मचारी को कॉन्ट्रैक्ट वर्कर बनाने पर रोक का प्रावधान भी हटा दिया गया है। वहीं, इस बिल के तहत महिलाओं के लिए वर्किंग ऑवर सुबह 6 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच ही रहेगा। अगर किसी महिला कर्मचरी को शाम 7 बजे  के बाद काम कराया जा रहा है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। इसके साथ ही कोई भी कर्मचारी एक हफ्ते में छह दिन से ज्यादा काम नहीं कर सकता। कंपनी को ओवरटाइम कराने पर उस दिन का दोगुना पैसा देना होगा। वहीं, बिना अपॉइंटमेंट लेटर के किसी की भर्ती नहीं हो सकेगी।

कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को भी मिलेगा ग्रैच्युटी का फायदा 
सोशल सिक्योरिटी बिल 2020 के तहत जिन लोगों को फिक्सड टर्म बेसिस पर नौकरी मिलेगी, उन्हें उतने दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। इसका मतलब यह हुआ कि किसी कर्मचारी को ग्रैच्युटी पाने के लिए अब पांच साल पूरे की जरूरत नहीं है। यानि अब कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे कर्मचारियों को उनके वेतन के साथ-साथ अब ग्रेच्युटी का फायदा भी मिलेगा, भले ही कॉन्ट्रैक्ट कितने दिन का भी हो। गौरतलब है कि, मौजूदा प्रावधान के मुताबिक अगर कोई शख्स एक कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करता है तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है।