...तो इस तरह मिलती है IAS, IPS और IRS रैंक, पढ़ें विस्तार से

By Career Keeda | Sep 14, 2021

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) हर साल IAS, IPS, IRS और कई सरकारी व‍िभागों के ग्रेड A व B पदों पर भर्त‍ियां करता है। सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा है। UPSC में 3 चरण होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स), मुख्य परीक्षा (मेन्स) और साक्षात्कार (इंटरव्यू)। यूपीएससी में कुल 24 सर्विसेसज होती हैं, जिसके लिए उम्मीदवारों का चयन सिविल सेवा परीक्षा के जरिए किया जाता है। इन्हें दो कैटेगरी में बांटा गया है - ऑल इंडिया सर्विसेज और सेंट्रल सर्विसेज हैं। सेंट्रल सर्विसेज के तहत ग्रुप ए और ग्रुप बी सर्विसेज होती हैं। 

ऑल इंडिया सर्विसेज के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन होता है। इनमें चुने गए लोगों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का कैडर दिया जाता है। वहीं, केंद्रीय सेवाओं के तहत ग्रुप ए और ग्रुप बी सर्विसेस हैं। ग्रुप ए सर्विसेज के तहत भारतीय विदेश सेवा (IFS), इंडियन सिविल एकाउंट्स सर्विस , इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS), इंडियन रेलवे सर्विस (IRTS और IRPS) और इंडियन इनफार्मेशन सर्विस (IIS) सर्विसेज के लिए अधिकारियों का चयन होता है। इसके अलावा ग्रुप बी में आर्म्ड फोर्सेज हेडक्वार्टर्स सिविल सर्विस, पुडुचेरी सिविल सर्विस, दिल्ली एंड अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल और पुलिस सर्विस जैसी सर्विस शामिल हैं।

जो उम्मीदवार मेंस परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं उन्हें एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना होता है, जिसके आधार पर पर्सनैलिटी टेस्ट होता है। फॉर्म में भरी गई जानकारियों के आधार पर उम्मीदवार से इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछे जाते हैं। इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसके आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है। 

अलग-अलग कैटेगरी (General, SC, ST, OBC, EWS) की रैंकिंग तैयार की जाती है। रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस या आईएफएस रैंक दी जाती है। टॉप की रैंक वालों को आईएएस मिलता है। लेकिन कई बार यदि टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IRS होता है तो निचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है। इसके बाद के रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है।