हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) और अन्य शिक्षक परीक्षा (TET) की सात साल की वैधता को बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। लेकिन इसका लाभ उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगा जिनकी उम्र नियोजन के लिए बची हुई है। बिहार सरकार की मानें तो शिक्षक नियोजन के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी की उम्र सीमा 37 साल होनी चाहिए। वहीं ओबीसी कोटि के लिए 42 साल, एससी और एसटी कोटि के लिए 45 साल की उम्र निर्धारित है।
आपको बता दें कि अभी तक CTET परीक्षा की वैधता सात साल के लिए होती थी। अगर एक बार CTET की परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थी सात साल तक शिक्षक नियुक्त नहीं होता था तो उसे फिर से यह परीक्षा पास करनी पड़ती थी। लेकिन अब अभ्यर्थियों को बस एक बार सीटीईटी की परीक्षा पास करनी होगी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यार्थियों का कहना है कि हर साल नियोजन होना चाहिए था। अगर राज्य सरकार द्वारा हर साल नियोजन प्रक्रिया की जाती तो 20 हजार अभ्यार्थियों को भी शिक्षक बनने का मौका मिलता। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजन शिक्षक संघ के प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि अभी तक पांच बार ही नियोजन हुआ है। अभ्यार्थियों के मुताबिक हजारों अभ्यर्थी टीईटी पास करने के बाद भी अब नियोजन में शामिल नहीं हो पाएंगे।
बी.एड के बाद दे सकते हैं ये परीक्षाएँ
अगर आपने स्नातक के बाद बी.एड किया है तो आप CTET और TET समेत कई अन्य परीक्षाओं के जरिए शिक्षक बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। शिक्षक बनने की चाह रखने वाले अभ्यार्थी बी। एड के बाद ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) टीजीटी और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) के जरिए नौकरी पा सकते हैं। अगर आपके बी.ए, बी.कॉम, बी.एसी या स्नातक स्तर की परीक्षा में भी 50% अंक हैं और बी.एड में भी 50% अंक हैं तो आप TGT के जरिए 10वीं क्लास तक पढ़ा सकते हैं। वहीं, अगर आपके अगर पोस्ट ग्रेजुएशन में 50% अंक हैं और बी.एड कोर्स भी किया है तो आप पीजीटी के जरिए किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में 12वीं क्लास तक पढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आप नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) या स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट (SLET) के जरिए लेक्चरर की नौकरी पा सकते हैं।