यूपी के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर

By Career Keeda | Nov 20, 2020

यूपी के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हज़ारों लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में एक बड़ा फैसला सुना है। आपको बता दें कि अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में यूपी शिक्षा मित्र एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा है कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में कट ऑफ 60 से 65 फीसदी ही रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सभी शिक्षा मित्रों को पात्रता परीक्षा पास करने का एक मौका और मिलेगा।

मौजूदा कट ऑफ 60-65 पर होगी भर्ती
गौरतलब है कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में पहले ही  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31,661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था।  अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाकी बचे हुए 37,339 पदों पर भर्ती का रास्ते भी साफ हुआ।  इन पदों पर यूपी सरकार के मौजूदा कट ऑफ 60-65 के आधार पर भर्ती होगी।  सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड में लिया। इसमें कहा गया था कि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्र को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा।

शिक्षामित्रों ने किया था इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का विरोध
इस मामले में छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है।  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 6 मार्च को यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया और इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।  शिक्षा मित्रों का कहना था कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था।  लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया।  यह गैर कानूनी कदम है, क्योंकि पेपर के बीच में कटऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है।  
 

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क्या था पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में 69 हज़ार शिक्षकों की भर्ती का मामला बीते दो सालों से विवादों में घिरा हुआ है लेकिन अभी तक इन भर्तियों को पूरा नहीं किया जा सका है।  
पहले यह मामला परीक्षा के कट ऑफ को लेकर कोर्ट में अटका हुआ था, जिसमें छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है।  इसके बाद सरकार ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा कट ऑफ निर्धारित कर दी थी।  इसी बात को लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया।  लंबे समय तक यह मामला कोर्ट में रहा था।  हालाँकि, अंत में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश भी दे दिया था।  इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को एक हफ्ते के अंदर निपटाने के आदेश दिए थे।  लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी।  इसके अलावा UP सरकार के 31, 661 पदों को भरने के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।