शहद का व्यापार करने के लिए मधुमक्खी पालन व्यवसाय की करें शुरुआत, कम लागत में होगी अच्छी कमाई

By Career Keeda | Sep 01, 2020

मधुमक्खी का नाम सुनकर कईयों के पसीने छूट जाते हैं, उसके काटने पर भागदौड़ मच जाती है लेकिन यह मधुमक्खी जितनी खतरनाक है उतनी ही आपके और आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है वह ऐसे क्योंकि मधुमक्खी से हमें मिलता है शहद और शहद का हमारे जीवन में क्या-क्या प्रयोग है यह तो आप भली-भांति ही जानते जानते है।कई ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनका उत्पाद कई जीवो से होता है उनमें से एक है शहद। शहद एक ऐसी चीज है जिसका प्रयोग हम अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए तो करते ही हैं  साथ ही इसका प्रयोग कई दवाइयों को बनाने में भी किया जाता है। बहुत से लोग शहद के दीवाने होते हैं, आपने भी बचपन में खूब शहद खाया होगा लेकिन कई बार जब आप बाजार से शहद खरीद के लाते हैं तो वह 100 फ़ीसदी शुद्ध नहीं होता कहने का मतलब यह है दुकानदार उसकी मिठास और रंगत के लिए उसमें गुड मिला देते है। शहरों में तो नहीं लेकिन गांव में प्राचीन काल से मधुमक्खी पालन से शहद एकत्रित करना एक तरह से चलन रहा है इसलिए इस व्यवसाय को पारंपरिक व्यवसाय भी कहा जाता है जिसमें लोग मधुमक्खी को पालकर उस के छत्ते से शहद निकालकर उसका व्यापार करते है। मधुमक्खी पालन व्यवसाय बहुत ही अच्छा व्यवसाय है जिसमें आपको कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिलता है साथ ही सरकार की आर्थिक मदद भी मिलती है। इसलिए यदि आप भी मधुमक्खी पालन व्यवसाय की शुरुआत करने जा रहे हैं तो इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए क्या-क्या चाहिए:

अगर आपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय को शुरू करने की ठान ली है तो सबसे पहले आपको एक खुले और सुरक्षित स्थान का चयन करना होगा जहां पर आप मधुमक्खी को पालेंगे अर्थात मधुमक्खी की पेटी को रखेंगे जिसमें मधुमक्खी रहती हैं और छत्ता बनाती हैं।100 से 200 मधुमक्खी की पेटीयों को रखने के लिए आपको दो से ढाई हजार स्क्वायर फीट तक की जमीन लेनी होगी। आपको यह जगह उस जगह लेनी होगी जहां पर मधुमक्खी ज्यादा शहद दें जैसे कि आम के बगीचे के पास, फूल का बगीचा या राई का बगीचा और यदि आपके आसपास कोई ऐसा स्थान नहीं है तो फिर आपको मधुमक्खी खरीद के लानी होंगी और और वह भी उस प्रजाति की जो ज्यादा मात्रा में शहद का प्रोडक्शन कर सके।इसके लिए आपको एपीस फ्लोरा, एपीस इंडिका या एपीस डोरसैला प्रजाति की मधुमक्खी खरीदनी होंगी जो अच्छी और ज्यादा मात्रा में शहद का उत्पादन करती हैं। एक पेटी की कीमत ढाई से चार हजार तक की होती है जिसमें 300 से अधिक मधुमक्खियां रह सकती हैं। इसके अतिरिक्त आपको कई और सामान की भी व्यवस्था करनी होगी जिसमें हाथों के ग्लव्स, चाकू शहद निकालने के लिए, ड्रम जिसमें शहद निकालेंगे रिमूविंग मशीन आदि शामिल हैं।

मधुमक्खी पालन संबंधित कुछ जानकारी:

चूंकि मधुमक्खी पालन लघु उद्योग के अंतर्गत आता है तो आपको सरकार से 2 से 5 लाख तक की आर्थिक सहायता भी मिल सकती है।अब आप मधुमक्खी पालने जा रहे हैं तो आपको मधुमक्खी से संबंधी जानकारी भी होना बेहद आवश्यक है:

1.एक डिब्बे में कुल 3 प्रकार की मधुमक्खियाँ होती है जिसमें रानी मधुमक्खी, नर मधुमक्खी और श्रमिक मधुमक्खी शामिल हैं। रानी मधुमक्खी का काम होता है अंडे देना जबकि बाकी मधुमक्खियों का काम होता है बाहर से रस लाना। अमूमन एक डिब्बे में श्रमिक मधुमक्खियों की संख्या 30,000,नर मधुमक्खियों  कि 100 और रानी मधुमक्खी की संख्या 1 होती है। 

2.विभिन्न श्रेणी के मधुमक्खियों की आयु भी अलग-अलग होती है। रानी मधुमक्खी की आयु 1 वर्ष की, नर मधुमक्खी की आयु 6 महीने और श्रमिक मधुमक्खी की आयु लगभग डेढ़ महीने की होती है।

मधुमक्खी पालन का सही समय:

जिस तरह से हर काम का एक सही समय होता है उसी तरह मधुमक्खी पालन का भी अपना एक समय होता है। आप मधुमक्खी पालन का व्यवसाय जनवरी से फरवरी के बीच या सबसे उत्तम समय साल के अंत  नवंबर से फरवरी महीने के बीच शुरू कर सकते है। शुरू करने से पहले आप सभी जरूरतमंद चीजें जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया उनकी व्यवस्था कर ले और अगर आप नवंबर में शुरू करने जा रहे हैं तो उससे पहले ही पेटी लाकर रख लें जिससे आपका समय बचा। एक महत्वपूर्ण बात जिस जगह भी आप यह फार्म शुरू करने जा रहे हैं सुनिश्चित करें कि उसके आसपास खूब हरियाली, खेत खलियान और फूल हो क्योंकि मधुमक्खी जितना रस फूलों से चुसेंगी उतना ही शहद आपको मिलेगा।

कैसे सीखें मधुमक्खी पालन:

जो लोग मधुमक्खी पालन में रुचि रखते हैं वह एक अच्छे बीकीपर यानी मधुमक्खी पालक बन सकते है वह ऐसे कि आप सरकार द्वारा दिए जा रहे मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण को भी कर सकते हैं जिसके उपरांत आप इस व्यवसाय को एक बेहतर और व्यवस्थित ढंग से संचालित कर सकते हैं। इस प्रशिक्षण की कुल लागत 3 से 5 हजार होती है जिसकी मदद से आप एक अच्छे बीकीपर बन सकते है। एक और बात बीकीपिंग में अब कई सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध हैं जैसे कि इग्नू का सर्टिफिकेट इन बीकीपिंग (CIB) 

CIB सर्टिफिकेट कोर्स: इस कार्यक्रम को EDNERU (नॉर्थ ईस्ट रीजन यूनिट के शैक्षिक विकास) के माध्यम से इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, शिलांग (मेघालय) के सहयोग से विकसित किया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य मधुमक्खी पालन के सभी पहलुओं में वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी कौशल प्रदान करना है। प्रदान किया गया ज्ञान बेहतर उत्पादकता के लिए सुविधा प्रदान करेगा।

कोर्स का उद्देश्य:

1.आधुनिक मधुमक्खी पालन के बारे में शिक्षा प्रदान करना।
2.मधुमक्खी पालन क्षेत्र में मानव संसाधन का निर्माण।
3.किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि का विविधीकरण।
4.मधुमक्खी पालन में उद्यमी कौशल विकसित करना।

कोर्स की अतिरिक्त जानकारी:

न्यूनतम अवधि: 6 महीने
अधिकतम अवधि: 2 वर्ष
कोर्स शुल्क: रु 1400
आयु सीमा: नो एज लिमिट आयु
पात्रता: 8 वीं पास

मधुमक्खी पालन की प्रक्रिया:

मधुमक्खी पालन दो तरह से किया जाता है पहला फार्मिंग और दूसरा हनी प्रोसेसिंग प्लांट, दोनों की मदद से मधुमक्खी पालन कर सकते हैं।

1)- मधुमक्खी फार्मिंग: मधुमक्खी पालन में आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

1.फार्म की सुरक्षा के लिए आप बीकीपर रख सकते हैं जो कि इस कार्य में निपुण होते है।

2. ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां पर नमी ना हो।

3. वह स्थान साफ सुथरा होना चाहिए क्योंकि मधुमक्खियां स्वच्छ स्थान पर ही अपना छत्ता लगाती हैं।

4.आप एक डिब्बे में अधिकतम 10 फ्रेम मधुमक्खी रख सकते हैं, लेकिन आम तौर पर 8 फ्रेम मधुमक्खी रखना ही बेहतर है क्योंकि जितने ज्यादा आप फ्रेम रखेंगे उतनी ही ज्यादा देखभाल और सतर्कता आपको बरतनी पड़ेगी।

2)- हनी प्रोसेसिंग प्लांट: इस प्लांट को लगाने के लिए एक विशेष मशीन की आवश्यकता होती है जिसकी सहायता से आप हनी प्लांट व्यवस्थित तरीके से लगा सकते हैं। इस प्लांट को लगाने की कुल लागत 20 लाख रुपए हैं जिसमें से अधिकतम 100 किलो शहद निकाला जा सकता है। इस मशीन की खास बात यह होती है कि इस मशीन पर हनी को बनाने से लेकर उसकी पैकेजिंग तक की व्यवस्था होती है और इसलिए यह थोड़ी महंगी भी है।

कैसे निकाले शहद?

अब आपने फॉर्म लगा दिया लगा अब बारी आती है शहद निकालने की। कई लोग तो सीधे ही मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालकर शहद निकाल लेते हैं परंतु उसमें मधुमक्खी के डंक मारने का खतरा रहता है, इसलिए हम आपको एक सरल और सीधा उपाय बताने जा रहे हैं। जब मधुमक्खी के छत्ते से शहद बाहर निकलने लगे तो समझ जाइए कि शहद निकालने का सही समय आ गया हैं। जब मधुमक्खियां छत्ते में ना हो तब आपको चाकू से बड़ी सावधानी पूर्ण शहद निकालना होगा। उसके बाद आप निकाले गए माल को मशीन के सांचे में डालेंगे। फिर मशीन ऑन करेंगे उसके बाद आप देखेंगे कि बड़ी आसानी से आपके सामने शहद अपने आप निकलेगा। उसके बाद आप शहद को एक ड्रम में सावधानी पूर्ण स्टोर करके अपनी जरूरत के हिसाब से रख लें लें।

सरकार भी करेगी मदद:

जैसा कि हमने आपको बताया मधुमक्खी पालन का व्यापार MSME विभाग के अंतर्गत आता है तो आपके इस व्यापार की स्थापना और इसे आगे बढ़ाने की मदद के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं जिसका लाभ आप भी उठा सकते है।

1.अगर आप हनी प्रोसेसिंग प्लांट लगाते हैं तो इसकी स्थापना में सरकार आपकी काफी हद तक आर्थिक मदद करती हैं वह ऐसे कि इस प्लांट की स्थापना के लिए सरकार कुल लागत का 65% हिस्सा लोन के रूप में आपको देगी।

2.इसके अतिरिक्त सरकार की तरफ़ से 25% की सब्सिडी भी आपको मिलेगी जिसके चलते आपको कुल लागत का मात्र 10% ही अपनी तरफ से लगाना पड़ेगा।

व्यावसायिक लाभ:

इस व्यापार को शुरू करने के लिए आपको बड़ा निवेश करने की जरूरत नहीं है। आप चाहे तो छोटे स्तर से भी इसकी शुरुआत कर सकते वह ऐसे जैसे आपने प्रारंभ में 5 या 10 पेटी से शुरुआत की जिसका खर्च आया 20 से 40,000 जो प्रति वर्ष मधुमक्खियों की संख्या के बढ़ने के साथ 3 गुना अधिक हो जाएगा अर्थात 5-10 पेटी से शुरू किया गया आपका व्यवसाय 15 से 30 पेटी का हो सकता है और जितनी ज्यादा पेटी उतना ही ज्यादा शहद। मधुमक्खी पालन के जरिए शहद के व्यापार से आपको ज्यादा व्यवसायिक लाभ होगा वह ऐसे जैसे एक डिब्बे मधुमक्खी से प्राप्त हुए 50 किलो शहद को सरकार, दुकानदार या ठेकेदार आपसे ₹100 प्रति किलो के हिसाब से खरीदेगा तो मुनाफा हुआ 5000 का। आप चाहे तो मार्केट में चल रहे शहर के दाम पर अपने हनी को बेच भी सकते भी सकते हैं, इनके अलावा भी आपके पास कई अन्य विकल्प मौजूद है जहां पर आप अपने हनी को बेच सकते हैं जैसे ऑनलाइन, मेडिसन आदि के लिए। अगर आप बड़े पैमाने पर अपने व्यवसाय को शुरू करते हैं तो आप महीने में एक लाख से 15,000 तक का मुनाफा उठा सकते हैं क्योंकि उस समय आप की खरीद 100 से बढ़कर 250 रुपए तक बढ़ जाती है। इसमें आपको एक डबल फायदा और है कि एक बार शहद खत्म हो जाने के बाद आप दोबारा 15 दिन के बाद शहद बेच सकेंगे क्योंकि हर 15 दिन के बाद मधुमक्खी शहद बना लेती है। ऐसा करने से कम समय में मार्केट में आपका नाम भी होगा और जल्द ही आप एक बड़े शहद व्यापारी बन जाएंगे।

मधुमक्खी पालन में कुछ ध्यान देने वाली बातें:

आपका मधुमक्खी पालन का व्यवसाय सफल हो इसके लिए आपको कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखना है जैसे:

1. बीकीपिंग के बिजनेस को शुरू करने से पहले अच्छे से सोच विचार और सही समय सही मौसम को देखकर ही करें।

2. अगर आप मधुमक्खी खरीद के लाते हैं तो सही प्रजाति की मधुमक्खी का चयन करना बहुत ही आवश्यक है।

3. मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने का सही समय चुनें क्योंकि कई लोग जल्दबाजी में अपनी बेसब्री का बांध तोड़ कर पहले ही शहद निकाल लेते है।

4. छत्ते से शहद निकलते समय एक बात का ध्यान रखें कि मधुमक्खी या उनके अंडे छत्ते में ना हो वरना आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

5. बड़ी ही सावधानी और सतर्कता से मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालें अन्यथा मधुमक्खी का कांटा बहुत दर्द तो देता ही है साथ में आपका लुक भी बिगाड़ देता है।

6. जिस जगह भी आप मधुमक्खी की पेटी रखें वह जगह साफ-सुथरी पर्यावरण के बीच कीड़े मकोड़ों और खासकर छिपकलियों से मुक्त होनी चाहिए क्योंकि कई बार छिपकलियों मधुमक्खी को खा जाती हैं और कीड़े शहद चूस जाते है।