पोस्ट ऑफिस की KVP स्कीम से दोगुना होगा आपका पैसा जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें

By Career Keeda | Jul 16, 2020

अगर आप शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट की बजाय लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट में यकीन रखते हैं तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र स्कीम आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। KVP सरकार की एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जिसके चलते एक तय समय अवधि में जमा आपका पैसा दुगना हो जाता है।

क्या है KVP स्कीम?
किसान विकास पत्र (KVP) सर्टिफिकेट के रूप में भारत के डाकघरों में उपलब्ध एक बचत योजना है।इस योजना को शुरुआत में विशेष तौर पर किसानों के लिए शुरू किया गया था जो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करते हैं लेकिन अभी हर कोई इसमें निवेश कर सकता हैं। यह एक निश्चित दर वाली बचत योजना है जिसमें मैच्योरिटी पीरियड (124 महीने) के बाद यानी 10 साल और 4 महीने के बाद आपका जमा पैसा दुगना हो जाता है।

इस योजना को जनता के बीच लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट  और बचत को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो जोखिम लेने के लिए अनिच्छुक हैं, उनके पास अधिशेष पैसा है और वे सुनिश्चित रिटर्न की तलाश कर रहे हैं।वर्तमान नियमों के अनुसार KVP सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ भारत के सभी डाकघरों में मौजूद है। 

इस स्कीम में न्यूनतम निवेश 1000 रुपए कर सकते हैं वहीं इसमें अधिकतम निवेश की कोई भी लिमिट नहीं रखी गई है। इस स्कीम में सर्टिफिकेट के रूप में निवेश होता है।किसान विकास पत्र (KVP) में 1000 रुपए, 5000 रुपए, 10,000 रुपए और 50,000 रुपए तक के सर्टिफिकेट हैं जिन्हें खरीदा जा सकता है।

कितने प्रकार का होता है KVP सर्टिफिकेट?
किसान विकास पत्र इन तीन तरह के सर्टिफिकेट के  रूप में मुहैया कराया जाता है:

1. सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट: इस तरह का सर्टिफिकेट किसी अडल्ट को स्वयं या नाबालिग की ओर से जारी किया जाता है।

2. जॉइंट 'A' टाइप सर्टिफिकेट : इस प्रकार का सर्टिफिकेट संयुक्त रूप से दो अडल्ट को जारी किया जाता है, जो दोनों धारकों को संयुक्त रूप से या मैच्योरिटी पीरियड तक जीवित व्यक्ति को देय होता है।

3. जॉइंट 'B' टाइप सर्टिफिकेट: इस प्रकार का सर्टिफिकेट दो अडल्ट को संयुक्त रूप से जारी किया जाता है, जो धारकों में से किसी एक को या मैच्योरिटी पीरियड तक जीवित व्यक्ति को देय होता है।

कौन कर सकते हैं KVP स्कीम में निवेश?

KVP योजना में निवेश के लिए पात्रता मानदंड कुछ इस प्रकार है :
1. निवेश के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तय की गई है।
2. इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा जॉइंट अकाउंट की भी सुविधा है।
3. नाबालिग की ओर से माता-पिता / अभिभावक निवेश कर सकते है।
4. हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और अनिवासी भारतीय (NRI) किसान विकास पत्र में निवेश नहीं कर सकते।

कितनी है ब्याज दर?
किसान विकास पत्र पर लागू ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा की गई घोषणाओं के आधार पर समय-समय पर बदल सकती है। KVP पर लागू वर्तमान ब्याज दर 6.9% प्रति वर्ष है जो 124 महीनों में आपके निवेश को दोगुना कर देता है।

कितने दिन में होगा पैसा डबल?
KVP योजना में नवीनतम संशोधनों के अनुसार, मैच्योरिटी पीरियड 10 वर्ष और 4 महीने (124 महीने) है।योजना की अवधि पूरी होने के बाद निवेशित राशि दोगुनी हो जाती है। उदाहरण के लिए: यदि किसी व्यक्ति ने 10,000 रुपये का निवेश किया है, तो उसे मैच्योरिटी पर 20,000 रुपये मिलेंगे।

आवश्यक दस्तावेज? KVP स्कीम में निवेश करने से पहले इस निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेजों का होना जरूरी है :

1. KYC दस्तावेज (आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि) जो आईडी प्रूफ के रूप में काम करते हैं।
2. KVP आवेदन पत्र
3. एड्रेस प्रूफ
4. बर्थ सर्टिफिकेट

कैसे खोले अकाउंट?

1. आप किसी भी डाकघर में जाकर वहीं से KVP का फॉर्म लेकर उसे भरकर खाता खोल सकते है। फॉर्म को आनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है।
2. फॉर्म पर पूरा नाम, जन्मतिथि और नामांकित व्यक्ति का पता लिखा होना चाहिए।
3. फॉर्म में परचेज अमाउंट की मात्रा स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।
4. KVP फॉर्म की राशि का भुगतान चेक या नकद के माध्यम से किया जा सकता है।
5. चेक के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं, तो फॉर्म पर चेक नंबर की जानकारी लिखें।
6. फ़ॉर्म में स्पष्ट करें KVP सिंगल या जॉइंट 'A' या जॉइंट 'B' सर्टिफिकेट, किस आधार पर खरीदा जा रहा है।
7. जॉइंट फॉर्म से खरीदने पर दोनों लाभार्थियों का नाम लिखें।
8. लाभार्थी के नाबालिग होने पर उसकी जन्म तिथि, माता-पिता का नाम लिखें।
9. फॉर्म जमा करने पर लाभार्थी के नाम, मेच्योरिटी तिथि और मेच्योरिटी राशि के साथ किसान विकास प्रमाणपत्र मिलेगा।

KVP स्कीम में निवेश के फायदे :

1. सुनिश्चित रिटर्न : बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, जिन लोगों ने इस योजना में अपना पैसा लगाया है, वे निश्चित रूप से अपना रिटर्न प्राप्त करेंगे। उक्त सुविधा अधिक बचत को प्रोत्साहित करती है।

2. चक्रवृद्धि ब्याज : KVP स्कीम की ब्याज दर हर वर्ष अलग-अलग होती है और इस तरह की विविधताएं उस वर्ष पर निर्भर करती हैं  जिसमें एक व्यक्ति ने इसमें निवेश किया था। मौजूदा वर्ष के लिए ब्याज दर 6.9% है। निवेशित राशि पर अर्जित ब्याज को वार्षिक रूप से कम किया जाता है, जिससे व्यक्तियों को अधिक लाभ मिलता है।

3. निवेश की लागत : व्यक्ति इस योजना में न्यूनतम रु 1,000 और अधिकतम कितना भी निवेश कर सकते है। 50,000 रुपए से ज्यादा के निवेश पर पैन कार्ड  के विवरण की आवश्यकता पड़ेगी।

4. यह स्कीम इनकम टैक्स अधिनियम 80C के तहत नहीं आती है, लिहाजा जो भी रिटर्न आएगा उस पर टैक्स नहीं लगेगा। इस स्कीम में TDS की कटौती नहीं की जाती है।

5. किसान विकास पत्र का उपयोग बैंकों से पसंदीदा दरों पर लोन प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।

6. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के साथ-साथ एक डाकघर से दूसरे में स्थानांतरण करने योग्य है KVP

 

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