मेडिकल में है रुचि तो Homeopathy की फील्ड में बनाएं अपना करियर, मिलेगी आकर्षक सैलरी

By Career Keeda | May 11, 2023

अंग्रेजी दवाओं के अलावा कई लोग होम्योपैथिक दवाओं पर भी भरोसा जताते हैं। किसी भी बीमारी व समस्या को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक डॉक्टर प्राकृतिक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि भारत समेत दुनिया भर में होम्योपैथिक डॉक्टरों की भी मांग बढ़ती जा रही है। वहीं छात्रों में भी होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का इंट्रेस्ट बढ़ रहा है। खासतौर पर कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया ने डॉक्टरों की सेवाभाव को देखा है। ऐसे में जो छात्र होम्योपैथिक डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं। यह आर्टिकल उन्हीं के लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको होम्योपैथिक डॉक्टर बनने की सारी पात्रताओं के बारे में जानकारी देने के अलावा यह भी बताने जा रहे हैं कि इस कोर्स को करने के बाद आप इस क्षेत्र में किस तरह अपना करियर बना सकते हैं। 

क्वालिफिकेशन
होम्योपैथी कोर्स में प्रवेश पाने की चाहत रखने वाले छात्रों को साइंस साइड से 12वीं पास होना अनिवार्य है। 
12वीं कक्षा में छात्रों के कम से कम अंक 50 फीसदी होने चाहिए। वहीं आरक्षित श्रेणियों के कैंडिडेट के 45% अंक होना जरूरी है। 
छात्र की कम से कम उम्र 17 साल होनी चाहिए। 
छात्र का नीट क्वालिफाई होना जरूरी है। 
बता दें कि होम्योपैथी पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए तमाम संस्थान परीक्षाओं का आयोजन करते हैं। वहीं कई संस्थान NEET को भी स्वीकार करते हैं। 

प्रवेश परीक्षाएं
इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (IPU CET)
केरल इंजीनियरिंग, कृषि और चिकित्सा (KEAM)
भारती विद्यापीठ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (BVP CET)
पंजाब यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (PUCET)
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET)
इंजीनियरिंग, कृषि और मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश) (EAMCET)

टॉप कॉलेज और फीस
पटना मेडिकल कॉलेज, पटना- फीस 63,000
महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, नासिक- फीस 11,145
भारती विद्यापीठ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, पुणे- फीस 75,000
लॉर्ड महावीर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, लुधियाना- फीस 80,000
नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नई दिल्ली- फीस 3,120
जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर- फीस 55,000

यह कोर्स कर सकते हैं आप

सर्टिफिकेट कोर्स
बता दें कि होम्योपैथिक कोर्स करने के लिए तमाम तरह के सर्टिफिकेट कोर्स करवाए जाते हैं। इस सर्टिफिकेट कोर्सेज की अवधि 3 से 6 महीने की होती है। 

डिप्लोमा कोर्स
होम्योपैथी में कई प्रकार के अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं। इन कोर्स में आप डिप्लोमा इन इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन और डिप्लोमा इन होम्योपैथी एंड मेडिसिन आदि कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्सेज की अवधि 1-2 वर्ष की होती है। 

UG कोर्स
स्नातक स्तर पर होम्योपैथिक कोर्स करने के लिए छात्र BHMS और BEMS आदि पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। बता दें कि इस कोर्स की अवधि 3 से 5 साल की होती है। 

PG कोर्स
स्नातकोत्तर स्तर पर छात्र M.D (होम-फार्मेसी), M.D (होम-प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन), M.D (होम्योपैथिक) (मटेरिया मेडिका) आदि कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स 3 साल की अवधि के होते हैं। 

BHMS कोर्स सिलेबस
BHMS यानी की बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी कोर्स में बायोलॉजी, शरीर विज्ञान और चिकित्सा की तमाम शाखाओम पर बुनियादी और उन्नत ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने वाले कई विषय पढ़ाए जाते हैं। वहीं डिग्री प्राप्त करने से पहले छात्र को 1 साल की इंटर्नशिप पूरी करनी होती है। 

सिलेबस
होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका और चिकित्सीय
बायोकैमिस्ट्री सहित फिजियोलॉजी
पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी
फोरेंसिक मेडिसिन और विष विज्ञान
प्रसूति एवं स्त्री रोग
शरीर रचना
होम्योपैथिक फार्मेसी
केस टेकिंग और रिपर्टरी
सामुदायिक चिकित्सा
ऑर्गन ऑफ मेडिसिन, प्रिंसिपल्स ऑफ होम्योपैथिक फिलॉसफी एंड साइकोलॉजी
ऑपरेशन
चिकित्सा का अभ्यास

आपको बता दें कि भारत में केवल 2 कॉलेज ऐसे हैं, जो एमडी होम्योपैथी सिलेबस प्रदान करते हैं। इस सिलेबस में 7 विशेषज्ञताएं शामिल हैं। 

बच्चों की दवा करने की विद्या
होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका
प्रदर्शनों की सूची
होम्योपैथिक दर्शन के साथ ऑर्गन ऑफ मेडिसिन
होम्योपैथिक फार्मेसी
मनश्चिकित्सा
चिकित्सा का अभ्यास

करियर
होम्योपैथी के क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। क्योंकि होम्योपैथिक दवाइयों का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। इसलिए बहुत सारे लोग होम्योपैथिक इलाज में भरोसा जताते हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक पर होम्योपैथिक दवाएं समान रूप से असर करती हैं। होम्योपैथिक दवाइयों का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में किया जाता है। जिनमें से माइग्रेन, अवसाद, क्रोनिक थकान सिंड्रोम, रूमेटोइड गठिया, एलर्जी, खांसी और सर्दी, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम आदि का इलाज शामिल है। 

छात्र इस कोर्स की डिग्री व डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में काम कर अपने करियर को शुरू कर सकते हैं। नीचे दिए गए क्षेत्रों की लिस्ट में आप होम्योपैथिक पेशेवर के तौर पर काम कर सकते हैं। 

केंद्रीय, राज्य व स्थानीय सरकारी व प्राइवेट अस्पताल
ESIC, रेलवे, NTPC और कोल इंडिया
नर्सिंग होम, क्लीनिक और स्वास्थ्य विभाग
दवा निर्माण इकाइयां (सरकारी, निजी, स्वायत्त, सहकारी क्षेत्र)
औषधि नियंत्रण संगठन (राज्य और केंद्र सरकार)
होम्योपैथिक दवा कंपनियां
प्रबंधन और प्रशासन (सरकारी और निजी)
चिकित्सा पर्यटन
होम्योपैथिक विशेषता केंद्र
नैदानिक परीक्षण (फार्मास्यूटिकल्स)
स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में तृतीय-पक्ष प्रशासक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम)
राष्ट्रीय आयुष मिशन आदि में आप बतौर होम्योपैथिक पेशेवर के रूप में काम कर सकते हैं। 
वहीं जो छात्र पढ़ाने में इंट्रेस्ट रखते हैं, वह मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर के रूप में सेवा दे सकते हैं। 

नौकरी
होम्योपैथिक कोर्स पूरा होने के बाद छात्र सरकारी या प्राइवेट स्तर पर अपनी नौकरी की शुरूआत कर सकते हैं। इसके अलावा वह अपना क्लीनिक भी खोल सकते हैं। होम्योपैथिक क्षेत्र में आप यह नौकरी भी कर सकते हैं। 

शिक्षण कार्य
फार्मेसिस्ट
बीमा अधिकारी
होम्योपैथिक चिकित्सक
अनुसंधान पेशेवर
होम्योपैथिक सलाहकार
विपणन विशेषज्ञ

सैलरी
जॉब प्रोफाइल- औसत वेतन
फार्मासिस्ट- 3.5 लाख
निजी चिकित्सक- 5.5 लाख
निजी स्वास्थ्य विशेषज्ञ - 6 लाख
सामान्य चिकित्सक - 6 लाख
डॉक्टर- 7 लाख