फ्रॉड कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए गूगल ने लॉन्च किया गूगल वेरीफाइड कॉल फीचर, धोखाधड़ी से बचने के लिए तुरंत करें इंस्टॉल

By Career Keeda | Sep 16, 2020

क्या आपके पास भी आती हैं नॉन वेरीफाइड फोन कॉल या अननोन नंबर से कॉल? क्या आप भी इन कॉल से हैं परेशान ? आप हो या हम यह एक नॉर्मल ह्यूमन नेचर है कि अगर आपके फोन पर कोई भी अननोन नंबर से कॉल आती है जिसे आप नहीं पहचानते तो आप उसे नहीं उठाएंगे या उठाने से पहले 2 बार सोचेंगे। आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए गूगल ने एक नया फीचर "वेरीफाइड कॉल" लॉन्च किया है जो सिर्फ वेरीफाइड कॉल्स ही आप तक पहुंचाता है और फ्रॉड कॉल पर लगाम लगाता है। व्यवसाय प्रतिदिन लाखों उपभोक्ताओं को कॉल करते हैं, लेकिन कई उपभोक्ता कॉल का जवाब नहीं देते। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि कहीं यह फ्रॉड कॉल तो नहीं या जब तक वे कॉलर को नहीं पहचानते हैं तब तक वह उसे उठाते भी नहीं हैं। नॉन वेरीफाइड फोन नंबरों से कॉल भी तनाव का कारण बन सकता है क्योंकि इससे फर्जी और घोटाला कॉल दरों में वृद्धि होती है।

गूगल का वेरीफाइड कॉल फीचर:

गूगल ने फ़ोन ऐप के लिए एक न्यू वेरीफाइड कॉल फीचर की घोषणा की है। ऐसे समय में जब कई उपयोगकर्ता स्पैम कॉलर्स के खतरे का सामना कर रहे हैं और अज्ञात नंबरों से कॉल प्राप्त करने के लिए अनिश्चित हैं, यह सुविधा इस परिस्थिति में लाभकारी होगी क्योंकि यह वास्तविक कॉल की पहचान करेगा।यह फीचर वेरीफाइड कॉल्स के बारे में भी बताएगा कि क्या यह कॉलर गूगल द्वारा प्रमाणित है या नहीं। वेरीफाइड कॉल के रूप में जाना जाने वाला यह फीचर- कॉलर का नाम, उनका लोगो, कॉल करने का कारण और वेरीफिकेशन सिंबल, जो संकेत करेगा कि कॉल गूगल द्वारा वेरीफाइड की गई है प्रदर्शित करेगा।गूगल द्वारा इस नई सुविधा का मुख्य उद्देश्य समय और ऊर्जा बचाने के लिए स्पैम कॉल को कम करना है। हालांकि, यह कई लोगों को उनकी पहचान बताने के लिए कंपनियों के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है।यह सुविधाग गूगल ऐसे समय में लेकर आया है जब स्पैम कॉल बढ़ रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी उपभोक्ताओं को 2019 में 61.4 बिलियन स्पैम कॉल्स मिलीं जो हाल के वर्ष की 28% वृद्धि का प्रतिनिधित्व करने वाले रोबोकिलर की हालिया रिपोर्ट के अनुसार है। अमेरिकी संघीय संचार आयोग का यह भी कहना है कि अवांछित कॉल इसकी शीर्ष उपभोक्ता शिकायत है।

वेरीफाइड कॉल फीचर के प्रमुख आकर्षण:

1.गूगल वेरीफाइड कॉल फीचर स्क्रीन पर कॉलर्स का विवरण प्रदर्शित करेगा।

2.यह कॉलर का नाम, लोगो और मोबाइल स्क्रीन पर कॉल करने का कारण दर्शाता है।

3.यह अनजान नंबरों से अनचाहे कॉल्स, टेलीमार्केडिंग कॉल्स और फ्रॉड कॉल्स को प्रतिबंधित करता है।

4.रिसीवर द्वारा प्राप्त करने से पहले गूगल वेरीफाइड कॉल फीचर के जरिए कॉल को पहले वेरीफाई करेगी उसके बाद ही यह यूजर को आगे फॉरवर्ड करेगी।

5.गूगल वेरीफाइड कॉल फीचर धोखाधड़ी को रोकती है।

6.पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह फीचर अमेरिका, ब्राजील, भारत, मैक्सिको, स्पेन में उपलब्ध होगा जिसमें बाद में और भी देश जोड़े जाएंगे।

कैसे काम करता है यह फीचर?

वेरीफाइड कॉल फीचर के माध्यम से किसी भी कॉल का वेरिफिकेशन इस प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है:

1. यदि कोई कॉलर आपको कॉल करता है, तो वह पहले गूगल के वेरिफिकेशन कॉल सर्वर को भेजता है:

a) - कॉलर का फ़ोन नंबर
b) - आपका फ़ोन नंबर
c) - कॉल का कारण जैसे "आपका इंटरनेट इंस्टालेशन शेड्यूल करना" या " फूड डिलीवरी डिटेल।"

2.गूगल यह जानकारी आपके डिवाइस के गूगल फ़ोन ऐप पर भेजता है।

3. जब कॉलर आपको कॉल करता है, तो आपका डिवाइस कॉलर से प्राप्त गूगल की जानकारी के साथ आने वाली कॉल जानकारी की तुलना करता है। यदि दोनों जानकारी सामान्य होती हैं या एक जैसी पाई जाती है, तो फोन ऐप आपको यह बता देगा कि यह कॉल वेरीफाइड है।

4.वेरीफिकेशन के कुछ मिनटों के बाद, गूगल आपके फ़ोन नंबर और कॉल सर्वर से कॉल कारण को हटा देता है।

आपके हाथों में होगा पूरा कंट्रोल:

फ़ोन ऐप पर गूगल वेरीफाइड कॉल फीचर को एक्टिवेट और डीएक्टिवेट करने का पूरा कंट्रोल आपके हाथ में होगा। आप जब चाहे अपनी सुविधा अनुसार इसे ऑन या ऑफ कर सकते हैं। आप किसी भी समय इस सुविधा से बाहर निकल सकते हैं। यदि आप ऑप्ट-आउट करते हैं, तो गूगल आपको की जाने वाली कॉल को वेरीफाई नहीं करेगा जिससे आपके ऊपर स्पैम कॉल का खतरा बना रहेगा।

वेरीफाइड कॉल फीचर ऑन या ऑफ

1.अपने मोबाइल डिवाइस पर फ़ोन ऐप खोलें।
2.उसके बाद "मोर" पर क्लिक करें और फिर सेटिंग्स पर।
3.कॉलर आईडी और स्पैम टैप करें।
4.यदि आपको यह विकल्प नहीं मिलता है, तो स्पैम और कॉल स्क्रीन पर टैप करें।
5.फिर वेरीफाइड कॉल "ON या OFF" ऑप्शन पर क्लिक करें।

कौन से डिवाइस पर उपलब्ध होगा यह फीचर:

यह सुविधा फिलहाल के लिए गूगल के फ़ोन ऐप पर मौजूद है जो Pixel और Android One फ़ोन पर पहले से लोड होकर आता है। लेकिन हाल ही में उत्पाद प्रबंधक गैल वेर्ड द्वारा लिखे गए एक ब्लॉग में बताया गया कि जल्द ही यह ऐप अन्य एंड्रॉइड डिवाइसों पर आ रहा है।आने वाले हफ्तों में लोग इसे  ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। द वर्ज का कहना है कि सैमसंग और LG के कुछ प्रमुख हैंडसेट भी यह ऐप लाने जा रहे हैं। कंपैटिबल फ़ोन वाले उपयोगकर्ता भी Google Play Store से फ़ोन कॉलिंग एप्लिकेशन को डाउनलोड कर सकेंगे। अगर आपके एंड्रॉयड डिवाइस पर फोन ऐप पहले से डाउनलोडेड नहीं है तो आप प्ले स्टोर से जाकर इसे इंस्टॉल कर सकते हैं। फिलहाल यह ऐप iOS पर चलने वाले डिवाइस के लिए उपलब्ध नहीं हुआ है।

व्यवसायिक लागत को करेगा कम:

संभावना है कि वेरीफाइड कॉल फीचर व्यावसायिक लागत को कम करेगा ऐसा इसलिए क्योंकि ग्राहकों तक पहुंचने के लिए जब व्यवसायों द्वारा कॉल किया जाएगा तब उन्हें कम अस्वीकृत कॉल का सामना करना पड़ेगा।

गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में क्या कहा:

गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "जब कॉलर या व्यवसाय कॉल करते हैं, तो यह फीचर चंद सेकंडो में कॉलर की पहचान की पुष्टि करके विश्वास स्थापित करता है ताकि उपयोगकर्ताओं को विश्वास हो सके कि यह कॉल फ्रॉड नहीं है। स्पैम और स्कैम कॉल कॉलर और यूजर के विश्वास और उपभोक्ताओं की लागत को धीरे-धीरे कम करते हैं।" गूगल के पायलट परीक्षण से संकेत मिलता है कि यह फीचर किसी को कॉल का जवाब देने की संभावना में सुधार करता है। कंपनी का दावा है कि यह फीचर भरोसेमंद तरीके से लोगों को प्रासंगिक कॉल की पहचान करते हुए व्यावसायिक लागत को कम करेगा।गूगल के अनुसार यह न्यू फीचर कॉल की आंसर रेट में सुधार करेगा क्योंकि यह एक तरह से गूगल के वेरीफाइड SMS सुविधा का विस्तार है, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था।जिस तरह से वेरीफाइड कॉल फीचर कॉलिंग के अनुभवों को बेहतर बनाता है उसी तरह है गूगल का वेरीफाइड SMS फीचर मैसेजिंग को सुरक्षित और अधिक भरोसेमंद बनाता है उसमें सेंडर वेरिफिकेशन और ब्रांडिंग जोड़कर। गूगल ने आगे लिखा की हमारे पास मौजूदा साझेदार भी हैं जिनमें नेस्टार, फाइव 9, वॉनेज, एस्पेक्ट, बैंडवॉर्डी, प्रेस्टस, टेलीकॉल और जस्ट कॉल शामिल हैं जो वेरीफाइड कॉल्स का उपयोग करके ब्रांड्स को अपनी आंसरिंग रेट में सुधार करने में मदद करेंगे।

Truecaller को देगा टक्कर:

गूगल का वेरीफाइड कॉल फीचर भारत में Truecaller ऐप को टक्कर दे सकता हैं, जिसके भारत में 170 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। ट्रूकॉलर और गूगल के वेरीफाइड कॉल में सबसे बड़ा अंतर यह है कि ट्रूकॉलर उपभोक्ता को यह नहीं बताता कि आखिर कॉल किस वजह से की गई है जबकि वेरीफाइड कॉल फीचर में यह साफ-साफ प्रदर्शित किया जाएगा।