माता-पिता की पहली पसंद, पढ़िए भारत के 7 बेस्ट बोर्डिंग स्कूल्स

By Career Keeda | Sep 19, 2020

बचपन से आपने एक कहावत जरूर सुनी होगी की "स्कूल सीखने की सबसे अच्छी जगह होती हैं।" ऐसा इसलिए क्योंकि यहां छात्रों को अपने प्रयासों को आकार देने और उनके संपूर्ण विकास जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों शामिल हैं उसको विकसित किया जाता हैं। यद्यपि आत्मज्ञान किसी भी क्षितिज से आ सकता है। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय या शैक्षिक संस्थान, यह सब ज्ञान के मंदिर हैं जहां एक छात्र के जीवन में ज्ञान के प्रकाश का दीप प्रज्वलित किया जाता है जो उसे अज्ञानता के अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने में मदद करता हैं। मनुष्य की बुद्धिमत्ता उसके विवेक में निहित तो होती है जो उसे इन विद्यालयों द्वारा प्राप्त ज्ञान से अर्जित होती हैं। वास्तव में स्कूल सीखने का एक ऐसा केंद्र है जो छात्रों को अपने लिए, अपने माता-पिता के लिए कुछ कर दिखाने का मौका देता है और समाज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सक्षमता प्रदान करता है। हालांकि, इस बात में कोई दो राय नहीं कि हमारा विकास हमारे घर से शुरू होता है, सीखने सिखाने की प्रक्रिया सबसे पहले घर से ही शुरू होती है, हमारे प्रथम गुरु हमारे माता-पिता होते हैं लेकिन स्कूलों में ना सिर्फ हमें नई चीजें सीखने को मिलती हैं अपितु हमें पहले से सीखी हुई चीजों को विस्तृत और संक्षिप्त करने की काबिलियत भी मिलती हैं। 4 तरह के लोगों से बात करने का, उनके साथ व्यवहार करने का तौर तरीका हमें सीखने को मिलता है और जिंदगी की सबसे बड़ी धरोहर अर्थात अनुशासन हमें स्कूल से ही प्राप्त होता है। कई माता-पिता ऐसे होते हैं जो अपने छात्रों को छोटे से ही बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं। वैसे तो सभी को पता है बोर्डिंग स्कूल क्या होते हैं पर फिर भी हम आपको बता देते हैं, बोर्डिंग स्कूल एक आवासीय विद्यालय होता है जहां आपको रहने खाने-पीने की सुविधाओं के साथ-साथ शिक्षा भी प्रदान की जाती है। आसान भाषा में कहें तो यह एक तरह से यह आपके घर जैसा ही होता है जहां आप खाते हैं, सोते हैं, खेलकूद करते हैं और साथ-साथ पढ़ाई भी करते हैं। एक ऐसा स्कूल जहां हम अपनी शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ प्रसांगिक गतिविधियों को भी प्रभाव में लाते हैं। बोर्डिंग स्कूल के अपने फायदे और नुकसान होते हैं लेकिन अगर हम फायदों की बात करें तो यह बच्चों को ज्यादा स्वतंत्र, निर्भीक बनाते हैं, उन्हें अपने दम पर चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, उन्हें सामाजिक बनाते हैं और अपनी शिक्षा और करियर पर स्वामित्व हासिल करते हैं। यदि आप भी अपने बच्चे को बोर्डिंग स्कूल भेजने का विचार बना रहे हैं पर इस दुविधा में फंसे हैं कि इतने बड़े भारत देश में कौन से बोर्डिंग स्कूल में भेजें जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ सब सुख सुविधाएं हो तो आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। आज हम आपको भारत के टॉप 7, सबसे बेस्ट, प्रतिष्ठित, सब सुख सुविधाओं से लैस बोर्डिंग स्कूल की जानकारी देंगे जो महत्वकांक्षी छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता की भी पहली पसंद हैं जहां वह अपने बच्चों को उनकी इच्छा अनुसार जीने और सफल होते देखना चाहते हैं। 

1.द दून स्कूल, देहरादून

BBC, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा देहरादून का द दून स्कूल भारत में सर्वश्रेष्ठ बोर्डिंग स्कूल है।यह एक बॉय-ओनली स्कूल है अर्थात इसमें सिर्फ लड़के ही पढ़ सकते हैं, लड़कियां इसमें एडमिशन नहीं लें  सकती। इस विद्यालय की स्थापना 1965 में सतीश रंजन दास द्वारा की गई थी। यह दसवीं कक्षा में IGCSE प्रदान करता है और बारहवीं कक्षा में या तो IB (2006 में गठित) या ISC के दो विकल्प देता है। इस आवासीय विद्यालय में शिक्षा के अलावा और भी विभिन्न स्कूली गतिविधियां शामिल है जैसे खेल, रंगमंच और क्लब। “जन मन गण” को भारत के राष्ट्रगान बनने से 15 साल पहले दून के आधिकारिक गीत के रूप में अपनाया गया था। रस्किन बॉन्ड के उपन्यास में मुख्य किरदार जय शंकर दून के ही पूर्व छात्र हैं। राजीव गांधी इस संस्था के सबसे यादगार पूर्व छात्र हैं। द दून उत्तराखंड के माल रोड, किशन नगर चौक, कृष्णा नगर, देहरादून में हैं। यहां की सालाना फीस 11लाख रुपए है।  

2.वेल्हम गर्ल्स स्कूल, देहरादून

व्यापक रूप से लड़कियों के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ बोर्डिंग स्कूल के रूप में जाने जाने वाला, वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून में स्थित है जिसकी स्थापना 1957 में एच.एस. ओलिपंथ द्वारा की गई थी। यह एक ऑल-गर्ल्स स्कूल है ICSE और ISC दोनों से संबद्ध, यह भारत में लड़कियों के लिए सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है। फ़ोटोग्राफ़ी, डांस, ड्रामा आदि जैसी लड़कियों के लिए पाठ्येतर गतिविधियाँ हैं जिनमें नेचर क्लब, क्विज़ क्लब, इंग्लिश डिबेटिंग, हिंदी डिबेटिंग, म्यूज़िक शामिल हैं। इच्छुक छात्र भारतीय शास्त्रीय (मुखर), सितार, पश्चिमी स्वर, पश्चिमी वाद्य, नृत्य: कत्थक, भरतनाट्यम, लोकगीत, समकालीन, शिल्प, फोटोग्राफी, कंप्यूटर, फ्रेंच और ड्रामेटिक्स भी सीख सकती हैं। लड़कियों को विभिन्न संस्कृतियों और प्रणालियों से परिचित कराने के लिए इनके पास दो अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों से जुड़े छात्र विनिमय कार्यक्रम भी हैं। करीना कपूर, मीरा कुमार और प्रियंका गांधी यहां की कुछ उल्लेखनीय पूर्व छात्र हैं। यहां की सालाना फीस 6.75 लाख रुपए है।

3.मेयो कॉलेज, अजमेर, राजस्थान

1875 में रिचर्ड बोरके, मेयो के छठे अर्ल और 1872-75 तक भारत के वायसराय द्वारा स्थापित किया गया, मेयो कॉलेज भारत के सबसे पुराने लड़कों के लिए सबसे बेस्ट बोर्डिंग स्कूलों में से एक है। 9-18 वर्ष की आयु के छात्र हर साल इस कॉलेज में भर्ती होते हैं। यह HSC और SSC दोनों स्तरों पर CBSE से संबद्ध है। यह अन्य कॉलेजों के रूप में पूरे भारत में सबसे अच्छी खेल गतिविधियों में से एक है, जिसमें शूटिंग, टेनिस, स्क्वैश और क्रिकेट शामिल हैं। इसके साथ विभिन्न प्रकाशन भी जुड़े हुए हैं- मयूर, यूफोरिया, साइबर क्वेस्ट अन्य। मेयो कॉलेज के उल्लेखनीय पूर्व छात्रों को भी 'मेयोइट्स' के रूप में जाना जाता है जिसमें विवेक ओबेरॉय, टीनू आनंद और अमित गोयल शामिल हैं।यहां की सालाना फीस 11.5 लाख रुपए है।  

4.लॉरेंस स्कूल, सनावर

शिमला के पास हिमाचल प्रदेश में एक निजी बोर्डिंग स्कूल, लॉरेंस स्कूल CBSE से संबद्ध और भारत में सबसे प्रतिष्ठित Co-Ed बोर्डिंग स्कूलों में से एक के रूप में माना जाता हैं। इस स्कूल की स्थापना 1847 में सर हेनरी द्वारा की गई थी। प्रारंभ में, यह स्कूल मुख्य रूप से ब्रिटिश सैनिकों और अन्य श्वेत बच्चों के अनाथ बच्चों के लिए था। इसका निर्माण लॉरेंस और अन्य ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा संपन्न किया गया था जिसमें गुलाब सिंह का एक महत्वपूर्ण योगदान था जो जम्मू और कश्मीर के पहले महाराजा भी थे। यह छठी-बारहवीं कक्षा में नामांकन के लिए एक प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा के बाद एक इंटरव्यू आयोजित कराता है। उमर अब्दुल्ला, कप्तान अमरिंदर सिंह और प्रीति जिंटा इस संस्था के कुछ उल्लेखनीय पूर्व छात्र हैं। यहां की सालाना फीस 5.83 पर एनम है। 

5. कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, मसूरी

मसूरी के कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल को आमतौर पर CJM के रूप में जाना जाता है। इस स्कूल की स्थापना मसूरी धार्मिक समाज (जीसस एंड मैरी) द्वारा 174 साल पहले हुई थी, यानी 1845 में। यह वर्तमान में भारत में लड़कियों के लिए सबसे पुराने आवासीय बोर्डिंग स्कूल मैं से एक है और CBSE से संबद्ध है। समुद्र तल से 6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस स्कूल में एक सुंदर परिसर और आंख को चकाचौंध करने वाला बुनियादी ढांचा है। इसमें ग्रेड I-XII तक की लड़कियां शामिल होती है। प्रियंका गिल और सुवर्णा झा यहां के कुछ प्रसिद्ध पूर्व छात्र हैं। यहां की सालाना फीस 2.25 लाख तक है। 

6. सिंधिया स्कूल, ग्वालियर

सिंधिया स्कूल लड़कों के लिए भारत में सबसे प्रसिद्ध और सबसे अच्छे बोर्डिंग स्कूलों में से एक है। 1897 में महान महाराजा माधो राव सिंधिया द्वारा स्थापित, जिसे पहले द सरदार स्कूल नाम दिया गया था, 1933 में इसका नाम बदलकर सिंधिया स्कूल कर दिया गया। अपने में अद्भुत अलौकिक प्राकृतिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध यह स्कूल शानदार ग्वालियर किले पर स्थित है। इसे केवल शाही बच्चों के लिए बनाया गया था। हालाँकि, बाद में स्कूल ने उस खंड को समाप्त कर दिया जिसमें कक्षा छठी से बारहवीं के छात्रों को बिना किसी वर्ग के भेदभाव के लिया गया था। एजुकेशन वर्ल्ड मैगज़ीन के अनुसार, 2014 में इसे भारत में तीसरा सबसे अच्छा लड़कों का स्कूल माना गया। सिंधिया स्कूल के पूर्व छात्रों में भारत की कुछ प्रसिद्ध हस्तियां शामिल हैं जिनमें सलमान खान, भरत वीर वांचू और अनुराग कश्यप जैसे नाम हैं।

7.सेंट पॉल स्कूल, दार्जिलिंग

सेंट पॉल स्कूल की स्थापना 1823 में दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल के शहर में एक स्वतंत्र ऑल-बॉय्स बोर्डिंग स्कूल के रूप में धनुर्धारी कॉरी द्वारा की गई थी। स्कूल CISCE पाठ्यक्रम का पालन करता है, जबकि एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर किया जाता है जो हर साल सितंबर केे महीने में आयोजित कराया जाता है। स्कूल का आदर्श वाक्य "मोंटी मेलिओरा सीक्मूर" एक लैटिन वाक्यांश है जिसका अर्थ है कि, "सलाह दी गई है, हमें उच्च बातों का पालन करने दें।" सेंट पॉल स्कूल में केली दोरजी, पृथ्वीराज सिंह ओबेरॉय, कैजाद गुस्ताद और आनंद बर्मन जैसे दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय पूर्व छात्रों की एक सूची हैं। यह स्कूल कई हिंदी और बंगाली फिल्मों जैसे हमराज़, मेरा नाम जोकर और जग्गा जासूस में भी नजर आया है।यह स्कूल बार्लोगंज, मसूरी, देहरादून में स्थित है जिसकी सालाना फीस 8.35 लाख रुपए है।