मुश्किल में 35 हज़ार B.Ed. छात्रों का भविष्य, नौकरी मिलने में हो सकती है देरी

By Career Keeda | Oct 31, 2020

उत्तर प्रदेश में चार साल बाद टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) की 12913 रिक्तियां जारी हुई हैं लेकिन चौ. चरण सिंह यूनिवर्सिटी के बीएड फाइनल ईयर के छात्र इसका फायदा नहीं उठा पाएंगे। दरअसल, यूनिवर्सिटी ने 35 हजार छात्रों की लिखित परीक्षा तो करा दी, लेकिन प्रैक्टिकल और रिजल्ट के बिना छात्र आवेदन नहीं कर सकेंगे। टीजीटी में रजिस्ट्रेशन के लिए आखिरी तारीख  27 नवंबर है। माना जा रहा है कि इन भर्तियों से यूनिवर्सिटी पर छात्रों का प्रैक्टिकल कराने का दबाव बढ़ेगा। ऐसे में यूनिवर्सिटी के लिए आखिरी तारीख से ठीक पहले प्रैक्टिकल कराते हुए रिजल्ट जारी करना बड़ी चुनौती होगा। यूनिवर्सिटी ने अभी थ्योरी एग्जाम का रिजल्ट भी जारी नहीं किया है।  

छात्र नहीं छोड़ना चाहते परीक्षा का मौका
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2016 के बाद टीजीटी के लिए 12913 पदों पर आवेदन मांगे गए हैं। इससे पहले 2016 में करीब 8 हजार पदों पर आवेदन मांगे गए थे। हालाँकि, 2018 में एलटी ग्रेड के आवेदन लिए गए लेकिन यह सीमित संख्या में थे। ऐसे में चार साल बाद बीएड के छात्रों के लिए यह बड़ा मौका है। लेकिन टीजीटी में आवेदन केवल वही छात्र कर सकेंगे जो निर्धारित अर्हता अंतिम तिथि तक पूरी करते हों। इस स्थिति में यूनिवर्सिटी में सत्र 2018-20 के 35000 छात्रों के लिए इस परीक्षा में शामिल होना बड़ी चुनौती होगी।
 

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छात्रों को है टीजीटी आवेदनों से बाहर होने का खतरा 
दरअसल, बीएड सत्र 18-20 का सत्र पटरी पर था। लेकिन देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा नहीं हो सकी।  यदि स्थिति सामान्य रहती तो यूनिवर्सिटी जून में फाइनल इयर की परीक्षा करा कर अब तक रिजल्ट जारी कर चुकी होती, लेकिन कोरोना संक्रमण फैलने से परीक्षा नहीं हो सकी। यूनिवर्सिटी ने लिखित परीक्षाएं 6 से 21 अक्टूबर के बीच कराई थीं।  लेकिन अभी तक ना ही प्रैक्टिकल शुरू हुए हैं और थ्योरी एग्जाम का रिजल्ट भी अभी बाकी है।  ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते देरी से हुई परीक्षा के कारण छात्रों को टीजीटी के आवेदनों से बाहर होने का डर है।  

छात्र कर सकते हैं प्रदर्शन 
ऐसा माना जा रहा है कि बीएड फाइनल ईयर के छात्र और छात्र संगठन रिजल्ट में देरी के कारण छात्रों को हो रही परेशानी का मुद्दा प्रबंधन के सामने उठाएंगे। खबरों की मानें तो आने वाले दिनों में कैंपस में बीएड के प्रैक्टिकल कराते हुए जल्द रिजल्ट जारी करने के लिए छात्र धरने-प्रदर्शन और हंगामा कर सकते हैं। लाइव हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक छात्रों का कहना है कि सरकार कोरोना के चलते देरी से हुई परीक्षा का लाभ उन्हें दे। छात्रों के मुताबिक रिजल्ट आने तक टीजीटी के आवेदन जारी रहने चाहिए। छात्रों का कहना है कि जब फाइनल इयर के रिजल्ट नहीं आने से बीएड काउंसिलिंग रोकी जा सकती है तो टीजीटी के आवेदन भी रिजल्ट तक जारी रहने चाहिए।